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होम FCV तंबाकू फसल विकास क्रियाएँ... फसल विकास क्रियाएँ
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  • विस्‍तार एवं विकासात्‍मक योजनाऍं :           

         तम्बाकू बोर्ड ने, 2019-20 फसल मौसम के दौरान कई विस्तार और विकासात्मक योजनाओं को लागू किया, जिसका उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षण करना, ग्रेायरों की खेती की लागत को कम करना, तम्‍बाकू की पैदावार और गुणवत्ता में सुधार, क्‍यूरिंग में ऊर्जा का संरक्षण और पूर्व फसल उत्‍पाद प्रंबध आदि., रहा था।  

     

    क.    मिट्टी स्‍वास्‍थ्‍य प्रबंध – हरित खाद बीज की आपूर्ति:

        कृषि पद्धतियों को संपोषित करने में एक भाग के रूप में और तम्‍बाकू की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए जैव- पदार्थों के साथ मिट्टी को समृद्ध बनाने के लिए  बोर्ड ने आन्‍ध्र प्रदेश और कर्नाटका के राज्य सरकारों की सहायता से ग्रोयरों को हरी खाद बीज याने., सनहेम्‍प, डायन्‍चा, पिल्‍लीपेसरा आदि., को आपूर्ति करके स्‍वस्‍थाने हरी खाद फसलें उगाने केलिए प्रोत्‍साहन कर रहा है। हरी खाद की फसलें उगाने के लाभों पर बोर्ड और उसके पदाधिकारियों द्वारा किए गए ठोस प्रयासों से विश्‍वास होकर किसान हरी खाद्य फसलों को उगाने के लिए आगे आ रहे हैं। 2019-20 फसल मौसम के दौरान आन्‍ध्र प्रदेश और कर्नाटका के ग्रोयरों द्वारा 9841.95 हे. के क्षेत्र में हरी खाद फसलों को अपनाया गया। 

     

    ख.    तम्‍बाकू की उपज व गुणता में वृद्धि :

    एकीकृत कीट प्रबंध एक ऐसा अवधारणा है, जहां प्रभावी पेस्‍ट और रोग नियंत्रण, रासायनिक तरीकों के अतिरिक्त सभी कीट नियंत्रण विधियों अर्थात., जैविक, सांस्कृतिक, यांत्रिक और वनस्पति आदि., के संयोजन के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। एकीकृत कीट प्रबंधन का उद्देश्य है- कृषि-रसायनों के उपयोग को कम करना और अवशेषों को कम करना और पर्यावरण और मिट्टी की सूक्ष्म पेड-पौधे और जीवों की रक्षा करना है। इस योजना के तहत, बोर्ड ने तम्‍बाकू क्षेत्रों में कीटों की संख्‍या पर निगरानी और आईपीएम योजना को प्रभावी रूप से कार्यान्वयन में सहायता देने के लिए फेरोमोन ट्राप और पीला चिपचिपा ट्रापों की आपूर्ति की।

                             2019-20 फसल मौसम के दौरान फेरोमेन ट्राप और पीला चिपचिपा ट्रापों की आपूर्ति के लिए सब्सिडी बढाने से संबंधित बोर्ड द्वारा उठाये गये व्‍यय विवरण निम्‍नानुसार रहा है:

     

    फसल मौसम

    भौतिक उपलब्धि

    (ट्रापों की संख्‍या)

    वित्‍तीय उपलब्धि

     (रू.लाखों में)

    फेरोमेन ट्राप

    पीला चिपचिपा ट्राप

    फेरोमेन ट्राप

    पीला चिपचिपा ट्राप

    2019-20

    29021

    19261

    3.77

    0.77

     

    ग.     तम्‍बाकू क्‍यूरिंग में ऊर्जा संरक्षण के लिए योजना- ईंधन दक्षता प्रौद्योगिकी का प्रचार:

         तम्‍बाकू क्‍यूरिंग के लिए आवश्यक ईंधन को बचाने के प्रयास में, तम्बाकू बोर्ड कई ऊर्जा संरक्षण योजनाओं को लागू कर रही थी।  इन योजनाओं के अंतर्गत ग्रोयरों को व्यापार वर्ग के साथ समन्वय से उपयुक्त वित्तीय सहायता प्रदान करके ऊर्जा बचत प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। ईंधन दक्षता तकनीकियॉं जैसे., पारंपरिक बखार भट्टियों के स्‍थान में भट्ठी की बेहतर डिजाइन को याने., - वेंटरी फर्नेस, ग्लास ऊन छत के पृथक्‍करण के साथ बखारों का पृथक्‍करण और टर्बो वेंटीलेटर के साथ बखारों को लगाना, बखारों का धान स्ट्रा छत पृथक्‍करण आदि., को बदलने से न केवल ईंधन की लागतों को बचाने में सहायता मिली,  बल्कि तम्‍बाकू की क्‍यूरिंग के लिए आवश्‍यक समय  भी कम हुई।

    पृथककरण किये बखारों और इस योजनाओं के अंतर्गत वित्‍तीय उपलब्धि विवरण नीचे दिये गये:

     

    1. i.              पारंपरिक भट्टी के स्‍थान में वेंटुरी फर्नेस (बखार का संशोधित अभिकल्‍प) का प्रतिस्‍थापन के लिए योजना:

       

          फर्नेस प्रणाली का एक संशोधित अभिकल्‍प - वेंटरी भट्टी, जो ईंधन के बेहतर दहन और गर्मी अन्‍तरण की सुविधा प्रदान करता है, जिससे फ्ल्यू पाइप में कालिख जमा से बचने के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित होती है और ईंधन की व्‍यय में 15-20% की बचत प्राप्‍त होती है। बोर्ड ने व्यापारी वर्ग (मेसर्स आईटीसी लिमिटेड और मेसर्स. डक्‍कन टुबाको एंटरप्रैजेस) के सहयेाग से आन्‍ध्र प्रदेश में इस योजना को लागू किया।
     
          वेंचुरी भट्टी, जो संशोधित बखार भट्टी के रूप में जाना जाता है, में 15 से 20% तक ईंधन की बचत होती है और क्‍यूरिंग समय कम होती है और जिससे कुल क्‍यूरिंग लागत घट जाते है। ग्रोयर के पास उपलब्ध सामग्री के आधार पर वेंचुरी फर्नेस को लगाने के लिए प्रति यूनिट को रु.18,000/- से रू.20,000/- तक व्‍यय होता है।

                                                                                                        (सब्सिडी रू. लाख)

    वर्ष

    कवर किये बखारों की संख्‍या

    वित्‍तीय सहायता बढावा

    2019-20

    263.00

    13.15

     

    ii. बखारों का ग्‍लास ऊन छत पृथक्‍करण:

         बखारों के छत को ग्‍लास ऊन पृथक्‍करण के द्वारा एफसीवी तम्‍बकू क्‍यूरिंग में ऊर्जा संरक्षण को प्रमोट करना और लाभभोगी ग्रोयर को सब्सिडी की राशि बढाने के द्वारा बखार में मुक्‍त वायु का संचलान के लिए टर्बो वेंटिलेटर को प्रोवैड करना इस योजना का मुख्‍य उद्धेश्‍य है।  यह योजना 25 से 27% तक ईंधन लकडी की बचत और प्रति हेक्‍टार को लगभग रू.6500/- तक कृषि लगात को कम करने पर ध्‍यान दिया था। इसके अलावा, बखार में इसके इंटरवेंशन के परिणाम स्‍वरूप पत्‍तों की कारमलैजेशन और सोखने से बचने के द्वारा क्‍यूरिंग में पत्‍ता की गुणवत्‍ता में सुधार हुई।  16X16 से 16X20 और 16X24 परिमाण के प्रति बखार के लिए ग्‍लास ऊन छत पृथक्‍करण और टर्बो वेंटिलेटर लगाने के लिए लगभग प्रति बखार को कुल मिलाकर रू. 23,450.76/- से 31,588.72/- तक कुल लागत रहा है।  
     
         बोर्ड ने, व्‍यापारी वर्ग  (मेसर्स. आईटीसी लिमिटेड., मेसर्स. गाडफ्रे फिलिप्‍स इंडिया लिमिटेड, मेसर्स. डक्‍कन टोबाको एंटरप्रैजेस)  के सहयोग से रु.5300/- प्रति बखार के लिए वित्तीय सहायता बढाकर एक संकेंद्रित पद्धति में कार्यान्वित  किया। व्‍यापरी वर्ग ने वित्‍तीय सहायता के रूप में व्‍यय में लगभग 50% और शेष 25% पृथक्‍करण की लागत को लाभभोगी ग्रोयरों के द्वारा अपना गयी थी । 
     

    2019-20 फसल मौसम के दौरान कार्यान्वित योजना का विवरण निम्‍नानुसार है:

     

    फसल मौसम

    भौतिक उपलब्धि

    वित्‍तीय उपलब्धि

     (रू. लाखों में)

    2019-20

    1324

    70.13

     

    ii.  टर्बो वेंटिलेटर के साथ धान तृण छत पृथक्‍करण:

          बखार को धान तृण के पृथक्‍करण के माध्यम से एफसीवी तम्बाकू के क्‍यूरिंग में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देना है और ग्रोयर लाभभोगियों को सब्सिडी प्रदान करके बखार में मुफ्त वायु परिसंचरण के लिए टर्बो वेंटीलेटर को उपलब्‍ध  कराना इस योजना का उद्धेश्‍य है। धान तृण के पुथक्‍करण की कुल लागत रु. 15,000/- प्रति बखार होगी। 
     
         बोर्ड ने इस योजना को कर्नाटका में रू.5000/- प्रति बखार को सब्सिडी देकर व्यापारी वर्ग (मे.आईटीसी) के सहायता से कार्यान्वित किया।  इस तकनीक से औसतन 30% ईंधन की बचत प्राप्‍त हुई। 

     

     (सब्सिडी रू. लाखों में)

    वर्ष

    कवर किये बखारों की संख्‍या

    सब्सिडी

     
     

    2019-20

    3085

    151.70

     

     

    घ.     ”अपने ईंधन स्‍वयं तैयार करें” योजना – त्‍वरित पैदा होने वाले वृक्ष पौधों की आपूर्ति :

         बोर्ड ने, पर्यावरण के अनुकूलन उपाय के रूप में,  तम्‍बाकू के क्‍यूरिंग के लिए ईंधन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तेजी से बढ़ने वाले पेड़ों की खेती को  प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना शुरू की है और इससे वनों की निरावरण (कटाई) और प्राकृतिक कीमती संसाधनों और पारिस्थितिकी (एकोलॉजिकल)संतुलन को रखरखाव किया जा सकता है।
     
         सतत तम्‍बाकू उत्‍पादन (एसटीपी) के सिद्धांतों में तम्‍बाकू क्‍यूरिंग के लिए कोयला और जलाऊ लकडी जैसे., गैर- टिकाऊ स्रोतों के उपयोग को समाप्‍त करने की विचार (परिकल्‍पाना) की गई है। क्‍यूरिंग के लिए उपयोग लकडी को टिकाऊ लकडी स्रोतों से प्राप्‍त किया जाता है और वैकल्पिक जैव-द्रव्‍यमान ईंधनों को भविष्‍य में प्रमोट किया जाना चाहिए।  इस पहलू के एक हिस्‍से के रूप में, तम्‍बाकू बोर्ड ने पंजीकृत तम्‍बाकू ग्रोयरों को प्राकृतिक लकडी के संसाधनों को प्रभावित किये बिना स्‍वयं अपने प्‍लानटेशन करने के द्वारा तम्‍बाकू क्‍यूरिंग के लिए ईंधन की आवश्‍कता को सुनिश्चित करने तेजी से पैदा होने वाले पेडों को लगाने के लिए प्रोत्‍साहित कर रही थी।  वास्‍तव में, तम्‍बाकू बोर्ड यह अनिवार्य बना दिया था कि तम्‍बाकू के सभी पंजीकृत ग्रोयरों को प्रति वर्ष कम-से-कम 10 पौधों को लगाना होगा। 

     

    2019-20 फसल मौसम के दौरान आपूर्तित नवजात- पौधों के विवरण निम्‍नानुसार है-

     

    फसल मौसम

    ग्रोयरों को आपूर्तित नवजात पोधों की संख्‍या

    आन्‍ध्र प्रदेश

    कर्नाटका

    2019-20

    4.56 लाख

    2 लाख

            

           सामूहिक प्‍लानटेशन कार्यक्रमों के अंतर्गत गॉव के साधारण स्‍थलों, गॉवों के स्‍कूल परिसरों में 2,44,990 नवजात पौधों को रोपित किये गये।

    ङ.      उत्‍तर फसल उत्‍पाद प्रबंध – उत्‍पाद अखंडता के लिए उपाय :

     

    1. टार्पालीनों की आपूर्ति:

          आज कल ग्राहकों उत्पाद की अखंडता और एनटीआरएम (गैर-तम्‍बाकू संबंधित सामग्री) से मुक्त तम्‍बाकू के लिए प्राथमिकता और महत्व दे रहे हैं।  भारतीय तम्‍बाकू के अंतर्राष्‍ट्रीय आयतकों अकसर फार्म स्‍तर पर पीएचपीएम अभ्‍यासों पर शिकायत कर रहे हैं।  इसलिए,  बोर्ड ने  उत्‍तर फसल उत्पाद प्रबंध और तम्‍बाकू में एनटीआरएम के उन्मूलन पर किसानों को शिक्षित करना आरंभ किया है। 
     

     

          गैर-तम्‍बाकू संबंधित सामग्री (एनटीआरएम) तम्‍बाकू उद्योग के लिए महत्वपूर्ण चिंता का विषय बन गयी है। तम्बाकू अखंडता को रक्षा करने के लिए एनटीआरएम स्रोत का निष्‍कासन और एनटीआरएम का पता लगाना और इसे आपूर्ति की श्रृंखला के सभी स्तरों पर हटाने के लिए व्यापक दृष्टिकोण की आवश्यकता हैं।  फार्म स्‍तर पर रोकथाम और एनटीआरएम स्रोतों का निष्‍कासन लागत प्रभावित है और सकरात्‍मक परिणाम प्राप्‍त करने के लिए सफल योजना अपनाना है। फार्म-स्‍तर पर एनटीआरएम का निष्‍कासन करने के लिए किसानों और किसान समुदाय के साथ मजबूत साझेदारी और किसानों का निरंतर शिक्षा प्रदान करना प्रधान तत्‍व है।  उत्‍पाद अखंडता को रखरखाव करने में स्‍वच्‍छ हांडलिंग प्रथाओं जैसे., कटाई, परिवहन, क्‍यूरिंग और भंडारण आदि., में एनटीआएम से बचने के प्रयास में सब्सिडी के आधार पर ग्रोयरों को कैनवास टार्पालीनों की अपूर्ति कर रही है। 

     

    वर्ष

    आपूर्तित टार्पालिनों की संख्‍या

    कुल सब्सिडी

    (रू. लाखों में)

    2019-20

    5284

    52.98

     

    1. पत्‍ता तम्‍बाकू में आग्रो- केमिकल अवशेषों का विश्‍लेषण:
         कीटनाशकों की अव्‍यवस्थित रूप में उपयोग याने., कीटनाशकों को आवश्यकता से अधिक बार उपयोग करना,  सिफारिशों से अधिक मात्रा में उपयोग करना,  कीटनाशक मिश्रण (एक से अधिक कीटनाशकों को मिलाना) का उपयोग करना,  तम्बाकू के लिए प्रतिबंधित कीटनाशकों का उपयोग या तम्बाकू के लिए सिफारिश कीटनाशकों का उपयोग न करना आदि., पत्ता तम्‍बाकू में सीपीए की  अवशेषों की समस्या का कारण बन गया  है। क्‍यूरड तम्बाकू के पत्तों में सीपीए के अवशेषों की समस्या तम्‍बाकू के निर्यात की संभावनाओं को प्रभावित करने वाले गंभीर आयाम है, क्योंकि तम्बाकू आयात करने वाले देश इस बात की कठोर शर्तें लगा रहे हैं कि पत्‍ता तम्‍बाकू में सीपीए के अवशेष वैधानिक अधिकतम अवशेष स्तर (एमआरएलएस) से नीचे रहना होगा।  हालांकि,  भारतीय तम्बाकू कम सीपीए अवशेषों के लिए जाना जाता है,  सीपीए के अवशेषों से होने वाली  भविष्य समस्याओं से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करने और विकसित करने के लिए  तम्बाकू बोर्ड, कई उपायों को सक्रिय रूप से कार्यान्वित कर रही है। 
     

     

          बोर्ड ने, एनआईपीएचएम, हैदराबाद के सहयोग से पत्‍ता तम्‍बाकू में अवशेषों के स्तर की उचित निगरानी और नियंत्रण के लिए कृषि-रासायनिक अवशेषों निर्धारण करने के लिए पत्‍ते नमूनाओं का विश्लेषण को अपनाया था। 2019-20 फसल मौसम के दौरान कीटनाशक अवशेषों के लिए आन्‍ध्र प्रदेश में 98 नमूना और कर्नाटका में 111 नमूनाओं को विश्‍लेषण किये थे। विश्लेषित परिणामों के आधार पर, जीआरएल से अधिक इन सीपीए अवशेषों की पुन:घटन को प्रतिबंधित करने के लिए विशिष्‍ट केंद्रित हस्तक्षेप किये जा रहा है।                                                                                                                                                        
         2019-20 फसल के मौसम के दौरान, बोर्ड ने कीटनाशक अवशेषों के नियंत्रण करने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया ताकि उत्पाद की अखंडता में सुधार लाने के लिए पत्‍तों की गुणवत्ता को सुनिश्चित कर सके और उहमि क्षेत्र में किसानों द्वारा 96% अवशेष मुक्त तम्‍बाकू के उत्पादन से बड़ी उपलब्धि हासिल हुई और दहमि/दकामि/कहमि क्षेत्रों में 100% अवशेष मुक्त तम्बाकू प्राप्‍त हुई। 

    3.  निकोटिन, शक्‍कर और क्‍लोरैड के लिए पत्‍ता रसायन विश्‍लेषण: 

          निकोटिन, शक्‍कर और क्‍लोरैड को निर्धारण करने के लिए तम्‍बाकू बोर्ड ने हर फसल मौसम में तम्‍बाकू पत्‍तों का विश्‍लेषण भी कराती है, ताकि विशेष मौसम के दौरान उगाये गये पत्‍ता की गुणवत्‍ता निर्धारण और फसल रसायन की स्‍थापना को पता कर सके।  
         2019-20 फसल मौसम के दौरान आन्‍ध्र पद्रेश में 138 नमूनाओं और कर्नाटका में 111 नमूनाओं को  @ रू.1/- नमूना / क्लस्टर के हिसाब से विश्लेषण किये गये। 

    4. बल्किंग शेडों का निर्माण :

         फार्म स्टोरेज, जो क्‍यूरिंग समापन, ग्रेडिंग, बेलिंग पूरा होकर विपणन के लिए तैयारी होने तक तम्‍बाकू को अच्‍छी स्थिति में रखने के लिए आवश्‍यक है, को स्‍थापित करना है। कृषि आचरण सुविधाओं से किसानों को एनटीआरएम को रोकने और "उत्पाद की स्वच्छता"  को सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।  इस बात को ध्‍यान में रखते हुए, वाणिज्‍यक बैंकों द्वारा वित्तीय सहायता और आवश्यक ऋण को बढाकर ग्रोयरों को बल्किंग शेड/ भंडारण सुविधाओं का निर्माण करने का कार्य अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करती है।  
         2019-20 के फसल मौसम के दौरान, बोर्ड ने किसानों के लिए बल्किंग शेड का निर्माण करने के लिए रु. 2.36 लाख तक सहायता बढ़ाया था। 
 
 
   
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